आर के तलरेजा का हिंदी विभाग बहुत समृद्ध रहा है। इसमें पहले डॉ. दशरथ सिंह डॉ. शुभकार कपूर डॉ. अनंत इनामदार गाइड रहे। आपके मार्गदर्शन में हिंदी विभाग ने दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति की। महाविद्यालय में 11वीं से लेकर M.A. तक की कक्षाओं में हिंदी पढ़ाई जाती है। यहां कई अलग-अलग भागों से विद्यार्थी पीएचडी करने के लिए भी आते हैं महाविद्यालय में अब तक लगभग 36 विद्यार्थियों ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है डॉ. मुक्ता नायडू एवं डॉ. संतोष मोटवानी ने भी विभाग को विकसित करने में अपना योगदान दिया था। आज भी इस विभाग में डॉ. संतोष मोटवानी पीएचडी गाइड है साथ ही डॉ. शिव शंकर पांडे तथा डॉ. अनिल सिंह ने 5-5 विद्यार्थियों को पीएचडी करवाई है संतोष मोटवानी के निर्देशन में अब तक चार शोध छात्रों ने पीएचडी प्राप्त की है शोध छात्र पीएचडी कर रहे हैं विद्या शिंदे मैडम जो खेर कॉलेज की हैं उनके निर्देशन में 2 विद्यार्थी पीएचडी कर रहे हैं विभाग में रीना सिंह मैडम कार्यरत हैं महाविद्यालय के इस विभाग ने लगभग 6 गोल्ड मेडल प्राप्त किए हैं इस महाविद्यालय के कई विद्यार्थी विभिन्न सरकारी पदों पर कार्यरत हैं कई विद्यालयों महाविद्यालयों में प्राध्यापक हैं यह विभाग प्रतिवर्ष मुंबई विश्वविद्यालय के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में फैले हुए विद्यालयों महाविद्यालयों में हो रही प्रतियोगिताओं में अपने छात्र भेजता है तथा कई पुरस्कार प्राप्त कर चुका है। विभाग के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. संतोष मोटवानी ने लगभग 13 पुस्तकें संपादित की हैं। 5 पुस्तकें लिखी हैं तथा एक पुस्तक सिंधी से हिंदी में अनूदित की है। कई महाविद्यालयों में आपने प्रपत्र प्रकाशित करवाए हैं कई जगहों पर आप विषय विशेषज्ञ रहे हैं। कई जगहों पर आपने अपने प्रपत्र प्रस्तुत किए हैं। विभाग की प्राध्यापिका रीना सिंह मैडम ने भी कई महाविद्यालयों में प्रपत्र प्रस्तुत किए हैं। तथा कई जगहों पर आपके प्रपत्र प्रकाशित हुए हैं विभाग के कई विद्यार्थियों ने नेट सेट की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है कई छात्र अनुवाद का कोर्स कर चुके हैं इस प्रकार महाविद्यालय के इस विभाग ने कई ऊंचाइयों को छुआ है ।महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ. दशरथ सिंह हिंदी अध्ययन मंडल मुंबई यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में डॉ. संतोष मोटवानी हिंदी अध्ययन मंडल के सम्माननीय सदस्य हैं आप लगभग 13 वर्ष से इस पद पर हैं। यूनिवर्सिटी के कई समितियों में आप कार्य कर रहे हैं साथ हुई पाठ्यक्रम समितियों में भी आपका सक्रिय भाग रहता है। इस प्रकार विभाग पूरी तरह से मुंबई यूनिवर्सिटी को तथा महाविद्यालय को समृद्ध कर रहा है।
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